गुरुवार, 7 नवंबर 2019


इन्फिरियारिटी काम्प्लेक्स
अक्सर आप दूसरों को अपने से आगे देख हीनभावना से भर जाते हैं .आपके मन में पता है क्या ख्याल आता है आप क्या सोचते हैं ....आप सोचते हैं की कितनी अच्छी किस्मत है उसकी जो उसको इतना कुछ मिला है ,उसके पास इतना बड़ा घर है ,इतनी बड़ी गाडी है उसके बच्चे मंहगे और बड़े स्कूल में पढ़ते हैं उसके पास इतना पैसा है वो इतना अमीर है ,उसके पास इतनी अच्छी नौकरी है उसका कैरियर इतना ब्राईट है ....ये ख्याल सिर्फ बड़ी चीज देखकर ही नहीं आता अकसर छोटी छोटी चीज देख कर भी आप हीनभावना से ग्रस्त हो जाते हैं जैसे ......जैसे उसका सोफा या डाइनिंग टेबल कितना मंहगा है ..वो आये दिन घर के परदे बदल देती है ..वो मुझसे बढ़िया ज्वैलरी और कपडे पहनती है या वो लड़का या लड़की कितनी किस्मत वाला है उसके पैरेंट्स उसे इतना मंहगा बाइक ,स्कूटी ,या फोन लेकर देते हैं |एसे ना जाने कितने उदाहरण है.....2 जो आपके आस पास मिल जायेंगे . आप जानते हैं यह हीनभावना किसी के मन में हो सकती है किसी भी उम्र के लोगों में हो सकती है और फिर होता क्या है की आप मन ही मन परेशान रहते हैं ,दुखी होते रहते हैं और अपने को अगले से कमतर समझते हैं इस चक्कर में आप येसे उलझे रहते हैं की आपके पास जो उपलब्ध है वह भी आपके लिए नगण्य हो जाता है आपके पास ,जो है आप खुश होकर उसका उपभोग भी नहीं कर पाते हैं .....
..अगर आपके मन में भी एसी बातें आती हैं आप दूसरों से अपने को किसी मामले में कमतर समझते हैं तो आपको अपने आप को बदलने की जरूरत है ..आप बस इतना कीजिये ........2 की जब एसी बातें मन में आये और आप लगातार दुखी रहने लगें तो आप सोचें की आपके पास क्या क्या है ?...शायद कई येसी चीजे सामने आयें जो दूसरों से जादा अच्छी आपके पास हों .औरध्यान से सोचेंगे तो जरुर निकल ही आएगा ......चलिए आप इसे एसे समझने की कोशिश कीजिये ..मान लीजिये आपकी सहेली के पति बहुत अच्छी करोड़ों के पॅकेज वाली जाब में हों मगर वो बहुत बिजी रहते हों....इतना बिजी की उनके पास अपनी पत्नी और बच्चों से मिलने का ....उनसे बात करने का समय ही ना रहता हो और आपके पति उनसे कम पॅकेज वाली जाब में हो मगर उनके पास इतना वक्त होता हो की वो आराम से आपके और बच्चों के साथ समय बिता सकते उनसे बात कर सकते ....हों..... अब आप सोचिये....आप सोचिये की .इस मामले में आप अपनी सहेली से जादा अच्छी स्थिति में हैं...... .
मान लीजिये आपके दोस्त ने किसी आलीशान मंहगे अपार्टमेन्ट में खूब बड़ा फ़्लैट खरीदा और आपके पास एक छोटा सा घर है......आपके पास छोटा सा घर है ..अब आप दोस्त के बड़े फ़्लैट से अपने छोटे से घर को कमतर समझ दुखी हो रहे हैं जबकि यहाँ आप यह सोचिये ...आप यह सोचिये की आपका घर छोटा ही है........2 पर आपके पास अपनी जमीन और अपना छत है इस मामले में आप अपने दोस्त से बेहतर स्थिति में हैं
इसे एक और उदहारण से समझते हैं .मान लो आपके दोस्त के पैरेंट्स बहुत अमीर हों वह आये दिन मंहगे से मंहगा फोन,बाइक ,कार या अन्य चीजें आपके दोस्त को देते हों मगर उनके पास इतना समय ना होता हो की वो आपके दोस्त से बात कर सकें उसे समय दें सकें ,उसे अच्छे संस्कार सिखाएं उसके कैरियर के बारे में या उसके अन्य चीजों में कोई दिलचस्पी ले सकें उसकी कोई प्राब्लम सुन उसका सलूशन दे सकें और इधर आपके पैरेंट्स आप को कम बजट की......या कम चीजें दे पाते हों .... कुछ मना भी कर देते हों ......2 मगर वो अक्सर आपसे बातें करते हैं आपको अच्छे संस्कार देते हों आपकी हर चीज में दिलचस्पी लेते हों आपकी छोटी से छोटी प्राब्लम साल्व कर देते हों .....तो आप सोचिये .....यह सोचिये की इस मामले में आप आपने दोस्त से कहीं जादा बेहतर स्थिति में हैं ......2
इसलिए जब भी हीनभावना से ग्रसित हों आपने आस पास उन चीजों को तलाश करें जो आपके पास दूसरों से बेहतर है .फिर आप भी अपने को दूसरों से कमतर नहीं समझेंगे ,बेवजह कुढ़ते नहीं रहेंगे और हमेशा खुश रहेंगे|

रविवार, 3 नवंबर 2019

नापसंद को टालना ....
अक्सर आप टालते हैं कुछ ना कु
छ .ज्यादातर तो वो चीजें टालते हैं जो आपको पसंद नहीं होती जो चीजें आपको पसंद नहीं होती उनके करने के समय .सोचते हैं अच्छा कुछ देर बाद करेंगे ,....अच्छा कल कर लेंगे ...फिर कल सोचते हैं अच्छा कल कर लेंगे और वह कल कभी नहीं आता /लेकिन आपको पता है ...कुछ चीजें आपको पसंद नहीं होती,मगर वो आपकी सफलता ,आपके उद्देश्य के लिए की जानी बहुत जरुरी होती हैं .अगर नहीं करेंगे तो ......क्या होगा ...चलो इसे एक उदहारण से समझाते हैं .जैसे की किसी का उद्देश्य है अपने कालेज में टाप करनाऔर टाप करने के लिए जरुरी है की वह सबसे जादा नंबर लाये ...और इसके लिए यह जरुरी है की वह अन्य स्टूडेंट्स से ज्यादा समय तक पढ़ाई करे अपने सारे सब्जेक्ट को सभी और लोगों से ज्यादा समझे .....क्योकि जितना अन्य लोग अपनी पढ़ाई पर समय दे रहे हैं उतना ही अगर टाप करने की ख्वाइश रखने वाला भी देगा तो.......तो वह औसत ही होगा|उसे सबसे आगे जाने के लिए सबसे ज्यादा वर्क भी करना होगा ..येसे में आप करते क्या हैं की जो सब्जेक्ट आपको सबसे जादा पसंद होते हैं जैसे की बायलोजी या सोशल साइंस उसे तो आप पढ़ लेते हैं बाकी जो सब्जेक्ट जैसे मैथ या इग्लिश आपको पसंद नहीं उसे कल पर टाल देते हैं और यह एक साधारण सा सूत्र है की कल कभी नहीं आता इस तरह आप नापसंद वाले सब्जेक्ट में औसत दर्जे के ही रह जाते हैं या फेल भी कर सकते हैं जबकि कालेज टाप करने के लिए आपको सारे सब्जेक्ट में सबसे ज्यादा नंबर लाने होंगे........
मान लो किसी का सपना है अपना खुद का बिजनेस खड़ा करना वह इसके लिए सारे नियम ,सारी चीजें जानता है की उसे क्या करना है कितनी मेहनत करनी है मगर एक या दो नियम या चीजों का पालन करता है बाकी को कल पर टाल देता है फिर टालता ही जाता है फिर उसके लिए लिए भी कल कभी नहीं आता .और वह मनमाफिक सफलता नहीं पाता /
इस बात को एक बहुत साधारण उदाहरण से समझते हैं मान लो कोई खाना बनाता है उसे चावल , रोटी पकाने में अच्छा लगता है सब्जी और दाल पकाना उसे जरा भी पसंद नहीं आता है तो खाना बनाते वक्त . उसने वो रोटी चावल पका कर दाल सब्जी पकाने का काम बाद में करने के लिए टाल दिया.. अब टालते टालते लंच या डिनर का समय आ गया अब जबकि दाल ,सब्जी पकाने में उसे जरा भी अच्छा नहीं लगता और वह टालता गया तो अब दाल या सब्जी के बिना खाना कम्प्लीट कैसे होगा ....सिर्फ रोटी और चावल बिना दाल या सब्जी के कैसे खा सकेगा कोई? ,चलो एक और उदहारण से समझते हैं मान लो कोई बीमा कम्पनी का एजेंट बन कर खूब तरक्की करना चाहता है उसे ये काम खूब पसंद है वह रोज अपने आफिस जाता है ,अपने काम के बारे में समझता है ,वह मेहनती भी खूब है लेकिन उसे किसी से मिलना जुलना पसंद नहीं जबकिएजेंट का काम बिना लोगों से मिले उसका हो ही नहीं सकता ..वह सारे काम तो करता है मगर लोगों से मिलने का काम हर दिन टालता रहता है टालता रहता है और सोचो की जब वह किसी से मिलेगा ही नहीं तो उससे बीमा कौन कराएगा .....पालिसी कौन लेगा ....?उसके आज कल आज कल ...करते .काम टालते टालते ...पूरा वर्ष निकल जाता है और वह एक भी व्यक्ति से मिल नहीं पाता उसकी इस टालने वाली आदत से उसे क्या प्राप्त होगा......क्या मिलेगा उसे .....उसका कम क्या निकलेगा ...शून्य सिर्फ शून्य ..जब वह किसी से मिलेगा ही नहीं तो .उसका बिजनेस जीरो ही तो होगा ?...इन उदहारण से क्या सामने आया ....? यही ना की कालेज टाप करने वाला सारे सब्जेक्ट पढता उसे जजों नहीं पसंद था उसे भी पढ़ता .... अपना बिजनेस खड़ा करने वालेके लिए ...यह की वह सारे काम करता जो की उसके बिजनेस के लिए जरुरी हैं ,बीमा कम्पनी का एजेंट बन तरक्की का सपना देखने वाला लोगों से मिलने का काम भी तुरंत निपटाता उसे टालता नहीं भले ही उसे यह पसंद नहीं था और भोजन बनाने वाला भी रोटी और चावल के साथ साथ ही दाल सब्जी भी बनता .......यह सिर्फ इन्हीं लोगों के लिए नहीं बल्कि आप सभी के लिए जरुरी है की आप अपने उन कामों को भी तुरंत निपटाएं जो आपको नहीं पसंद है या कम पसंद है जो करना है उसे मत टालें जो बात सफलता के लिए जरुरी है उसे आज अभी इसी वक्त शुरू करें | ...करते करते ही धीरे धीरे नापसंद आने वाले काम में भी आपको ख़ुशी मिलने लगेगी , आपको मजा आने लगेगा .औरआप हर चीज में सफलता पा सकते हैं जो भी आपका गोल होगा उसे पा लेंगे .||

शनिवार, 2 नवंबर 2019

विचार से सफलता ...
आप अपने शारीरिक स्वास्थ्य और उसकी सुन्दरता के लिए कितना कुछ करते हैं अच्छे से अच्छा खाना खाना खाते हैं ,अच्छे से अच्छा नए से नए डिजाइन की ड्रेस पहनते हैं , नियमित ब्यूटी पार्लर जाते हैं ,जिम जाते हैं ,एक्सरसाइज करते हैं येसी अनगिनत चीजें हैं जिसे आप व्यवहार में लाते हैं ,लेकिन कभी सोचा है ......कभी सोचा है की आप अपने मानसिक स्वास्थ्य और सुन्दरता के लिए क्या करते हैं ,मतलब भीतर के लिए ....मतलब अपने मन के लिए क्या करते हैं ?आप सोचेंगे की मन के लिए क्या करें ......?भीतर के लिए क्या करें ...वह कहाँ दिख रहा है ...उसे भला कौन देख रहा है सो उसके लिए कुछ करने की क्या जरूरत .......?आप जानते हैं .....? मानसिक स्वास्थ्य का भी उतना ही महत्व है जितना हमारे शारीरिक स्वास्थ्य का .उसे कोई देखे या ना देखे उसका स्वस्थ रहना ,,,,उसका सुन्दर रहना भी बहुत जरुरी है ....मन का स्वस्थ रहना सुंदर रहना उतना ही जरुरी है जितना बाहर का ...आपके तन का ... .......चलिए इसे एसे समझाते हैं आप को यह तो पता है .की ..हमारे मन विचारों से हर पल भरे रहते हैं जिनमें से ज्यादातर बिलकुल निरर्थक होते हैं बहुत तो बीती घटनाओं के बारे में होते हैं और और बहुत आने वाले दिनों को लेकर...........| तमाम विचार आपके मन में आपके भीतर उत्पन्न होते रहते हैं बेकार की कल्पनाओं से भरे हुए होते हैं .जिनका कोई मतलब ,...कोई अर्थ.... कोई सार्थकता नहीं होती ..आप समझिये इस बात को की .जिस तरह हम अपने शारीरिक सुन्दरता और स्वास्थ्य को लेकर सजग रहते हैं परिश्रम करते हैं उसी तरह हमें अपनी मानसिक सुन्दरता और स्वास्थ्य के लिए भी परिश्रम करना चाहिए .अब ..आपको लगेगा यह तो बहुत कठिन है .....,पर कोई चीज कठिन होती है असम्भव नहीं ......थोडा अभ्यास के बाद कठिन भी आसान लगता है ..इसके लिए ..आपको बस इतना करना है की .आपको अपने मन में आ रहे विचारों पर ...ध्यान देना होगा ...आपको अपने भीतर ध्यान देना होगा ..... अच्छे विचार मन में आयें और लगातार आते रहें जिनकी कोई सार्थकता हो इसके लिए बार बार आपको अभ्यास करना होगा... हर पल सजग रहना होगा इससे क्या होगा .....क्या होगा की .यह आपको सफलता की तरफ ले जाएगा .आप बस इतना करें जैसे ही कोई निरर्थक विचार आपके मन में आयें आप को तुरंत उसे बाहर निकल देना होगा .और उसकी जगह एसे विचार मन में लाने होंगे जो आपके गोल से रिलेटेड हो .......जो आपके गोल से रिलेटेड हो ....जिसकी सार्थकता आपकी सफलता के प्रति हो .एसा करने से बार बार एसा करने से आपको एक दिन अभ्यास हो जाएगा... आपके मन को अभ्यास हो जाएगा सार्थक विचारों से भरे होने का ....और फिर एक दिन एसा आएगा की बेवजह की बातें आपके दिमाग में आएँगी ही नहीं ...और आप सिर्फ और सिर्फ अपने गोल के बारे में सोचेंगे और जब सिर्फ और सिर्फ अपने गोल के बारे में सोचेंगे तो क्या होगा ....क्या होगा की वहां तक पहुचने का आपका रास्ता बहुत आसान हो जाएगा जहाँ आप पहुचना चाहते हैं .... .स्वामी विवेकानंद जिससे आप सब बखूबी परिचत हैं उन्होने भी यही कहा है'' मन में किसी विचार को लेकर उसे अपना जीवन बना लो आपके शरीर का हर अंग उसी विचार में डूबा हो उसी के बारे में सोचो इतना की उसे कोई दूसरा विचार भटका ना सके सफलता का यह एक रास्ता है |''